Friday, September 6, 2013

अजीब पागल सी लड़की है

-----------------अजीब पागल सी लड़की है
मुझे हर ख़त में लिखती है...
मुझे तुम याद करते हो...??
तुम्हें मैं याद आती हूं...??
मेरी बातें सताती है...??
मेरी नींदें जगाती है...??
मेरी आंखें रुलाती है...??
दिसंबर की सुनहरी धूप में,
अब भी टहलते हो...??
किसी खामोश रास्ते से,
कोई आवाज़ आती है...??
ठिठुरती सर्द रातों में,
तुम अब भी छत पे जाते हो...??
फलक के सब सितारों को,
मेरी बाते सुनाते हो...??
किताबों से तुम्हारे इश्क मे,
कोई कमी आई...??
या मेरी याद की शिद्दत से,
आँखों में नमी आई....???

-----------------अजीब पागल सी लड़की है,
-----------------मुझे हर ख़त में लिखती है,
-----------------जवाब उसे लिखता हूं....

मेरी मसरूफियत देखो,
सुबह से शाम ऑफिस में,
चिरागे उम्र जलता है...
फिर उसके बाद दुनिया की मजबूरियां,
पांव में बंधन डाल रखती है...
मुझे बेफिक्र चाहत से भरे सपने नहीं दिखते...
टहलने, जागने, रोने की मोहलत नहीं मिलती...
सितारों से मिले अब अरसा हुआ...
नाराज़ हो शायद.....
किताबों से रिश्ता मेरा,
अभी वैसे ही कायम है...
फर्क सिर्फ इतना पड़ा है,
अब उन्हें अरसे में पढता हूं...

-----------------तुम्हें किसने कहा पगली,
-----------------तुम्हें मैं याद करता हूं...
के मैं खुद को भूलाने की,
मुसलसल जुस्तजू में हूं...
तुम्हें याद ना आने की,
मुसलसल जुस्तजू में हूं...
मगर ये जुस्तजू मेरी,
बहुत नाकाम रहती है...
मेरे दिन रात में अब भी,
तुम्हारी शाम रहती है....
मेरे लफ़्ज़ों की हर माला,
तुम्हारे नाम रहती है...

-----------------तुम्हें किसने कहा पगली,
-----------------तुम्हें मैं याद करता हूं....
पुरानी बात है जो लोग अक्सर गुनगुनाते है...
उन्हें हम याद करते है.. जिन्हें हम भूल जाते है...

------------------अजीब पागल सी लड़की है....

मेरी मसरूफियत देखो...
तुम्हें दिल से भुलाऊं तो तुम्हारी याद आये ना...
तुम्हें दिल से भूलाने कि मुझे फुरसत नहीं मिलती....

और इस मसरूफ जीवन में,
तुम्हारे ख़त का इक जुमला,
"तुम्हें मैं याद आती हूं..?"
मेरी चाहत कि शिद्दत में,
कमी होने नहीं देता...
बहुत रातें जगाता है,
मुझे सोने नहीं देता...
सो अगली बार ख़त में,
ये जुमला नहीं लिखना.....

------------------अजीब पागल सी लड़की है....
------------------मुझे फिर भी ये लिखती है....

~~~~~~~~"मुझे तुम याद करते हो...?"~~~~~~~~
~~~~~~~~"तुम्हें मैं याद आती हूं.....?"~~~~~~~~~

----------- अज्ञात. ( डायरी प्यारी के सौजन्य से. )

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