Monday, September 2, 2013

तुम्हारा ख़त मिला जानां

तुम्हारा ख़त मिला जानां
वो जिसमे तुमने पूछा है
के अब हालात कैसे है...?
मेरे दिन रात कैसे है...?
मेहरबानी तुम्हारी है
के तुमने इस तरह मुझसे मेरे हालात पूछे है
मेरे दिन रात पूछे है
तुम्हें सब कुछ बता दूंगा
मुझे इतना बता दो के...
कभी सागर किनारे पर
किसी मछ्ली को देखा है
के जिसको लहरें पानी की
किनारे तक तो लाती है
मगर फिर छोड जाती है
मेरे हालात ऐसे है...
मेरे दिन रात ऐसे है.......

-------- अज्ञात..

No comments:

Post a Comment