हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में,
सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Saturday, September 21, 2013
बोलो तुमको गैर लिखे या अपना मीत लिखे
इक इक जीवन बनकर गुजरा प्यास का इक इक मील, प्यास के हर हर मील पे आई आंसू की इक झील, होठों के सूखे खाते में हार कि जीत लिखे.... बोलो तुमको गैर लिखे या अपना मीत लिखे.....
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