ज़िन्दगी की ये ज़िद थी,
के ख्वाब बन के उतरेगी.....
नींद अपनी ज़िद पे थी,
के इस जनम ना आयेगी....
के ख्वाब बन के उतरेगी.....
नींद अपनी ज़िद पे थी,
के इस जनम ना आयेगी....
दो ज़िदों के साहिल पे,
मेरा आशियाना था.....!!!
---------- गागर में सागर बाय अज्ञात.
मेरा आशियाना था.....!!!
---------- गागर में सागर बाय अज्ञात.
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