मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Saturday, October 25, 2014
आदतें अज़ाब की
जहन्नुम के डर से आज आज़ाद हो गए हम,
दुनिया में रह के आदतें पड़ गई अज़ाब की...!!
--- ज़ारा.
25/10/2014.
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