Sunday, March 30, 2014

महान लोकतंत्र

सहारा वाले सुब्रतो रॉय हजारों करोड़ों के कर्जदार होते हुए भी बेसहारा नहीं होते. विजय माल्या खुद को दिवालिया घोषित कर देते है और कैलेंडर शूट के लिए पेरिस जाते है. लाखों लोगों का हक दबाये बैठे इन लोगों के माथे पर अरबों की देनदारी से भी शिकन तक नहीं आती.

गरीब किसान चंद ह़जार के क़र्ज़ से घबराकर परिवार सहित ख़ुदकुशी कर लेता है.

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आपका स्वागत है !

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