Thursday, November 28, 2013

दुनिया को हकीकत मेरी पता कुछ भी नहीं

दुनिया को हकीकत मेरी पता कुछ भी नहीं
इल्जाम हजारों है और खता कुछ भी नहीं
मेरे दिल में क्या है ये कभी पढ़ ना सकोगे,
सारे पन्ने भरे हुए है और लिखा कुछ भी नहीं

------- कभी कभी तुकबंदी भी काफी राहत दे जाती है.

No comments:

Post a Comment