मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Tuesday, October 15, 2013
लहू का नाम न था खंजरों के सीनों पर
लहू का नाम न था खंजरों के सीनों पर,
मगर लिखी थी कथा सारी आस्तीनों पर...
-------- अज्ञात.
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