अंधेरे चंद लोगों का अगर मक़सद नहीं होते
यहां के लोग अपने आप में सरहद नहीं होते
न भूलो, तुमने ये उंचाइयां भी हमसे छीनी हैं
हमारा क़द नहीं लेते तो आदमक़द नहीं होते
फ़रेबों की कहानी है तुम्हारे मापदण्डों में
वरना हर जगह बौने कभी अंगद नहीं होते
तुम्हारी यह इमारत रोक पाएगी हमें कब तक
वहां भी तो बसेरे हैं जहां गुम्बद नहीं होते
चले हैं घर से तो फिर धूप से भी जूझना होगा
सफ़र में हर जगह सुन्दर घने बरगद नही होते
------------ अज्ञात.
यहां के लोग अपने आप में सरहद नहीं होते
न भूलो, तुमने ये उंचाइयां भी हमसे छीनी हैं
हमारा क़द नहीं लेते तो आदमक़द नहीं होते
फ़रेबों की कहानी है तुम्हारे मापदण्डों में
वरना हर जगह बौने कभी अंगद नहीं होते
तुम्हारी यह इमारत रोक पाएगी हमें कब तक
वहां भी तो बसेरे हैं जहां गुम्बद नहीं होते
चले हैं घर से तो फिर धूप से भी जूझना होगा
सफ़र में हर जगह सुन्दर घने बरगद नही होते
------------ अज्ञात.
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