मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Sunday, July 6, 2014
तनहा
पूछूं तो एक एक शख्स है तनहा सुलग रहा,
देखूं तो शहर शहर है मेला लगा हुआ.....
------------- अज्ञात.
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