Wednesday, May 8, 2013

आपको सिर्फ अपनी ज़ात का ग़म

आपको सिर्फ अपनी ज़ात का ग़म
मेरे दिल में हैं कायनात का ग़म

बाप को लत शराब पीने की
माँ को बेटी के जेवरात का ग़म

अब बिछड़कर बहुत याद आता हैं
वो खट्टे मीठे ताल्लुकात का ग़म

ग़म तो हर शख्स का मुकद्दर हैं
दिन का ग़म हैं, किसी को रात का ग़म

फिर शहादत का शौक दे वरना
मार डालेगा ये हयात का ग़म

----------------- अज्ञात..

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