Thursday, May 16, 2013

कोई पत्ता हिले हवा तो चले

कोई पत्ता हिले हवा तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले

तू सितम से न खींच हाथ अभी
और कुछ दिन ये सिलसिला तो चले

मंजिले खुद करीब आयेंगी
ए अजिजानो काफ़िला तो चले

शहर हो गाव हो या हो घर अपना
आबोदाना ही उठ गया तो चले

हर किसी से मिला करो के जफ़र
कौन कैसा है कुछ पता तो चले


http://www.youtube.com/watch?v=rEiNs8164SE

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