मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Wednesday, February 12, 2014
हस्ती
उसी पल या खुदा हस्ती मेरी गर्क कर देना,
जिस पल खुद को कोई हस्ती समझ लूं मैं.
------ ज़ारा.
12/02/2014.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment