मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Saturday, February 22, 2014
शाद
पांव में बेड़ी ,पहरे में हर ख्वाब रखा है
नाम तेरा उन लोगो ने क्यूँ शाद रखा है...!!
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Gurvinder Singh
जी की कलम से.
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