झलक जाते हैं अक्सर दर्द की मानिंद आँखों से
मगर खामोश रहते हें, बयां होने से डरते हैं
कुचल देती है हर हसरत हमारी बेरहम दुनिया,
दिल- ए -मासूम के अरमां जवां होने से डरते हैं
मगर खामोश रहते हें, बयां होने से डरते हैं
कुचल देती है हर हसरत हमारी बेरहम दुनिया,
दिल- ए -मासूम के अरमां जवां होने से डरते हैं
------- साजिद हाशमी.
No comments:
Post a Comment