संसार के तमाम छोटे-बड़े लोगों की तरह टोपी भी बेनाम पैदा हुआ था. नाम की जरुरत तो मरने वालों को होती है. गांधी भी बेनाम पैदा हुए थे और गोडसे भी. जन्म लेने के लिए आज तक किसी को नाम की जरुरत नहीं पड़ी है. पैदा तो केवल बच्चे होते हैं. मरते मरते वह हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, नास्तिक, हिन्दुस्तानी, पाकिस्तानी, गोर, काले और जाने क्या क्या हो जाते हैं.
------------- टोपी शुक्ला से ( राही मासूम रजा. )
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