मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Sunday, June 22, 2014
घोषणापत्र
किसी नागवार गुजरती चीज पर,
मेरा तड़प कर चौंक जाना...
उलट कर फट पड़ना,
या दर्द से छटपटाना...
कमजोरी नहीं है....
मैं जिंदा हूँ, इसका घोषणापत्र है....
------ कन्हैयालाल नंदन.
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