अदब के कपडे पहन, ज़हन के जाले हटा,
सभी को ख़ाक समझने की ये जहनियत कैसी है !
ज़माने भर में भले तू मशहूर-ओ-मारुफ़ सही,
तेरा लहजा बताता है, तेरी तरबियत कैसी है...!
सभी को ख़ाक समझने की ये जहनियत कैसी है !
ज़माने भर में भले तू मशहूर-ओ-मारुफ़ सही,
तेरा लहजा बताता है, तेरी तरबियत कैसी है...!
-------- ज़ारा.
11/06/2014.
11/06/2014.
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