मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Tuesday, January 28, 2014
ज़िन्दगी
समझ में ज़िन्दगी आये कहां से
पढ़ी है ये इबारत दरमियां से....
-------------- जौन एलिया.
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