सवाल क्या, जवाब क्या..
इससे बड़ा अजाब क्या
खोल भी दे दिल का कमरा
मुझसे अब ये हिजाब क्या
सबक था जिसमे रस्मे-वफ़ा का
खो गई है वो किताब क्या
हर बाजी हारना मुकद्दर था
अब शिकायत कैसी, हिसाब क्या
कच्चे घड़े पर तैरना मुश्किल
गंगा क्या और चनाब क्या
जो रूह को कैद कर ले गये
कभी लौटेंगे वो जनाब क्या
------- जारा खान .
14/11/2013.
इससे बड़ा अजाब क्या
खोल भी दे दिल का कमरा
मुझसे अब ये हिजाब क्या
सबक था जिसमे रस्मे-वफ़ा का
खो गई है वो किताब क्या
हर बाजी हारना मुकद्दर था
अब शिकायत कैसी, हिसाब क्या
कच्चे घड़े पर तैरना मुश्किल
गंगा क्या और चनाब क्या
जो रूह को कैद कर ले गये
कभी लौटेंगे वो जनाब क्या
------- जारा खान .
14/11/2013.
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