मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Saturday, July 6, 2013
शम-ए-हरम हो या कि दिया सोमनाथ का
उसके फरोगे हुस्न से झमके है सब में नूर....
शम-ए-हरम हो या कि दिया सोमनाथ का...!!!
---- मीर तकी मीर.
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