मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Wednesday, July 24, 2013
शबनम की एक बूंद
शबनम की एक बूंद थी फूलों की कायनात,
वो भी ना बच सकी हवस-ए-आफताब से...!!!
--------- अज्ञात.
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