घास पर खेलता है इक बच्चा
पास माँ बैठी मुस्कुराती है...
मुझ को हैरत है जाने क्यों दुनिया
काबा -ओ-सोमनाथ जाती है...
---------- निदा फ़ाज़ली.
पास माँ बैठी मुस्कुराती है...
मुझ को हैरत है जाने क्यों दुनिया
काबा -ओ-सोमनाथ जाती है...
---------- निदा फ़ाज़ली.
No comments:
Post a Comment