आज का दिन अपने लिए.... dedicating to myself..
तुम्हे उदास देख कर,
किसी के रंग खो गये
कहीं पे चाँद बुझ गया,
कहीं सितारे सो गये
किसी के रंग खो गये
कहीं पे चाँद बुझ गया,
कहीं सितारे सो गये
---कहीं पे बारिशों की रुत,
---ग़ज़ब की प्यास बन गई
---कोई बहार रूठ कर,
---सरापा-ए-आस बन गई
---ग़ज़ब की प्यास बन गई
---कोई बहार रूठ कर,
---सरापा-ए-आस बन गई
किसी के मौसमों को यूं,
अजाब मत दिया करो
उदास मत हुआ करो
उदास मत हुआ करो...!!!
अजाब मत दिया करो
उदास मत हुआ करो
उदास मत हुआ करो...!!!
------------ अज्ञात.
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