मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Wednesday, April 16, 2014
समझौता
ज़िन्दगी तुझ से हर इक सांस पर समझौता करूं,
शौक जीने का है मुझ को, मगर इतना तो नहीं..!!!
------------ अज्ञात.
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