मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Friday, June 21, 2013
कागज़ की एक कश्ती अगर पार हो गयी
कागज़ की एक कश्ती अगर पार हो गयी,
इसमें समन्दरों की कहां हार हो गयी..???
----------- अज्ञात.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment