मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Friday, June 28, 2013
मेरी चुप ने उसको रुला दिया...
मेरे हमसफ़र का हुक्म था के कलाम उससे कम करूं...
मेरे होंठ ऐसे सिले की मेरी चुप ने उसको रुला दिया...!!!
----------- अज्ञात.
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