मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Thursday, June 20, 2013
कौन सी बात कहां कैसे कही जाती है
कौन सी बात कहां कैसे कही जाती हैं,
ये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है....!
------------- वसीम बरेलवी.
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