Wednesday, June 11, 2014

तरबियत

अदब के कपडे पहन, ज़हन के जाले हटा,
सभी को ख़ाक समझने की ये जहनियत कैसी है !
ज़माने भर में भले तू मशहूर-ओ-मारुफ़ सही,
तेरा लहजा बताता है, तेरी तरबियत कैसी है...!

-------- ज़ारा.
11/06/2014.

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