अभी कुछ दिन पहले ही #स्टॉप_वॉचिंग_आजतक कैम्पेन बड़े जोरो शोरों से चल रहा था. 'पेड मीडिया' शब्द भी हर तीसरी पोस्ट में दिखाई दे रहा था. फिर अब ये अचानक क्या हो गया भाई ? मीडिया की तरफदारी में इत्ते लोग देखकर हैरान हूँ. अमां यार, इत्ती जल्दी जल्दी तो थाली का बैंगन भी नहीं लुढ़कता. कुछ तो अपने स्टैंड पर रहना सीखो भाई..!
किसी भी राजनीतिक विचारधारा को फॉलो करने के लिए हम सब स्वतंत्र है लेकिन सिर्फ विरोध के लिए विरोध दुराग्रह ही प्रतीत होता है. अपने बयान से पलट जाना नेताओं की खासियत है मित्रों. इसे खुद में जबरन इंजेक्ट करना कहाँ की समझदारी है ?
अगर हम आम लोग भी इसी तरह पलटी मारते रहे तो समझ लीजिये हम उन्हीं जनप्रतिनिधियों के काबिल है, 'अवसरवाद' जिनके ब्लड स्ट्रीम में बहता है.
यथा राजा तथा प्रजा वाली मिसाल ऐंवें ही तो ना होगी !!!
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