Thursday, August 29, 2013

ख़ुदा मिला हो जिन्हें, वो ख़ुदा की बात करें

सज़ा का हाल सुनाये, जज़ा की बात करें
ख़ुदा मिला हो जिन्हें, वो ख़ुदा की बात करें

उन्हें पता भी चले और वो ख़फ़ा भी न हो
इस एहतियात से क्या मुद्दआ की बात करें

हमारे अहद की तहज़ीब में क़बा ही नहीं
अगर क़बा हो, तो बन्द-ए-क़बा की बात करें

हर एक दौर का मज़हब नया ख़ुदा लाया
करें तो हम भी, मगर किस ख़ुदा की बात करें

वफ़ा-शियार कई हैं, कोई हंसी भी तो हो
चलो, फिर आज उसी बेवफ़ा की बात करें

-----------साहिर लुधियानवी

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