Tuesday, January 28, 2014

दूरी क्यूँ दिलों में रहे

"दूरी क्यूँ दिलों में रहे, फासले क्यूँ बढ़ते रहे
प्यारी है ज़िन्दगी है प्यारा जहां.....
रिश्ते बड़ी मुश्किलों से बनते हैं यहां पे लेकिन,
टूटने के लिए बस एक ही लम्हा...."

ए आर रहमान और नुसरत फ़तेह अली खान की लाजवाब जुगलबंदी. बेहतरीन संदेस.. प्यार का, अमन का, भाईचारे का....

"दुनिया में कही भी, दर्द से कोई भी तडपे तो हमको यहां पे,
एहसास उसके जख्मों का हो के, अपना भी दिल भर भर आये, रोये आँखें..."

http://www.youtube.com/watch?v=MUxjN2JBN5Y

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