मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Friday, December 6, 2013
कायरता
ये जानते हुए भी कि क्या सही है, उसे ना करना कायरता है.
------ कन्फ्यूशियस.
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment