Tuesday, December 3, 2013

तमंचे पे डिस्को

कौन कहता है के 'शॉटगन' सिन्हा साहब की अब कहीं नहीं चलती.. बॉलीवुड में तो खूब चलती है. अगर ऐसा ना होता तो हर तीसरी फिल्म में बिटिया रानी नज़र आती भला...?? कोई भी म्यूजिक चैनल लगा के सिर्फ दस मिनट देख लीजिये. अगर उतने समय में आपको सोनाक्षी के दर्शन नहीं हुए तो समझ लीजियेगा की आप फ्रेंच या अमेरिकन चैनल देख रहे है. जब देखो तब मैडम किसी ना किसी चैनल पर जलवाअफरोज हुई होती है. कहीं तमंचे पे डिस्को कर रही है तो कहीं किसी से गन्दी बात कर रही है. और तो और वाहियात कपडे पहन कर जन्माष्टमी पर मटकी भी फोड़ आई मैडम..

जब ये मोहतरमा आई थी तब इन्होने ऐलान किया था की इन्हें थप्पड़ से डर नहीं लगता. अब तमंचे से भी नहीं लगता. इसी तरह तरक्की करती रही तो वो दिन दूर नहीं जब राइफल, हथगोले, तोप और तो और परमाणु बम से भी इम्यून हो जायेंगी. ऐसी स्थिति में क्या इनका उपयोग राष्ट्रीय सीमा सुरक्षा दल के लिए किया जा सकता है ये भी एक विचारणीय मुद्दा होगा. रक्षा विशेषज्ञ कृपया अध्ययन करें.

एक और बात.. इनके डांस स्टेप्स जो भी कोरियोग्राफ करता है क्या उसके खिलाफ मानसिक उत्पीडन का मुकदमा किया जा सकता है इसका भी पता लगाना होगा. मेरी मित्रता सूची में अगर कोई काबिल वकील हो तो कृपया मदद कीजिये. राऊडी राठौड में इनका डांस देखकर ही पता चलता है की अक्षय के इतने भयानक अभिनय के पीछे वजह क्या थी.. इनकी सोहबत में रहकर मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया होगा खिलाड़ी कुमार का.

वैसे एक अन्दर की बात बताती चलूं की लूटेरा हमें पसंद आई थी. पर उसका जिक्र नहीं करुँगी आज. आज तो रजत शर्मा के स्टाइल का मुकदमा चलेगा मैडम पर. मेरी लिस्ट में जो भी मित्र सोनाक्षी के प्रशंसक है वो कृपया Dheeraj बनाएं रखे. और खुद को ये यकीन दिलाने की कोशिश करें की मैडम का हर वक्त टीवी पर दिखाई देना उनके लोकप्रिय होने की निशानी है. बाकी बुराई करना हम फुरसती फेसबूकीयों का धर्म है. और हम उसे निभाते रहेंगे. और हमें आता ही क्या है.?
— feeling मैं अमिताभ तो नहीं पर कभी कभी मेरे दिल में भी ख़याल आ ही जाता है... :p.

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