दुनिया को हकीकत मेरी पता कुछ भी नहीं
इल्जाम हजारों है और खता कुछ भी नहीं
मेरे दिल में क्या है ये कभी पढ़ ना सकोगे,
सारे पन्ने भरे हुए है और लिखा कुछ भी नहीं
------- कभी कभी तुकबंदी भी काफी राहत दे जाती है.
इल्जाम हजारों है और खता कुछ भी नहीं
मेरे दिल में क्या है ये कभी पढ़ ना सकोगे,
सारे पन्ने भरे हुए है और लिखा कुछ भी नहीं
------- कभी कभी तुकबंदी भी काफी राहत दे जाती है.
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