Sunday, September 15, 2013

मैंने ठीक किया ना

मैंने ठीक किया ना....??????

कहते है जब घर में अचानक
ऐसी आग भड़क उठे
जो घर में मौजूद
हर एक शय को
अपनी लपेट में ले ले...
आग बुझाना मुश्किल हो और,
घर को बचाना नामुमकिन....
तो ऐसे में,
एक ही रास्ता रह जाता है...
जो बचता हो वो बचाओ..
घर की सबसे कीमती चीज़ें,
हाथ में लो,
और
उससे दूर निकल जाओ.....
मेरे दिल में भी ऐसी ही आग लगी थी...
मैंने जल्दी जल्दी,
आँख में तेरे बुझते 'ख्वाब' समेटे,
तेरी 'याद' के टुकड़े चुनकर ध्यान में रखे,
और उस आग में,
'दिल' को जलता छोड के,
दूर निकल आई हूँ.....

मैंने ठीक किया ना....??????????

------------ अज्ञात.

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