Tuesday, April 9, 2013

मेरी आँख में जो सिमट गया वही अश्क सबसे हसीन था

उसे बारिशों ने चुरा लिया के वो बादलों का मकीन था
कभी मुडके ये भी तो देखता के मेरा वजूद ज़मीन था

बस यही एक सच था और उसके बाद सारी तोहमतें झूठ हैं,
मेरे दिल को पूरा यकीन है वो मुहब्बतों का अमीन था

उसे शौक था के किसी ज़जीरे पे उसके नाम का फूल खिले,
मुझे प्यार करना सीखा गया मेरा दोस्त कितना ज़हीन था

कभी साहिलों पे फिरेगा तो उसे सींपीया ही बतायेंगी,
मेरी आँख में जो सिमट गया वही अश्क सबसे हसीन था....

------------- अज्ञात.

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