जनरेशन गैप पर इससे बढ़िया पंक्तियां नहीं पढ़ी आज तक.....
अपने युग में सबको अनुपम ज्ञात हुई अपनी हाला,
अपने युग में सबको अदभुत ज्ञात हुआ अपना प्याला,
फिर भी वृद्धों से जब पूछा एक यही उत्तर पाया
अब न रहे वे पीनेवाले, अब न रही वह मधुशाला...!!!
----------- श्री. हरिवंश राय बच्चन.
अपने युग में सबको अनुपम ज्ञात हुई अपनी हाला,
अपने युग में सबको अदभुत ज्ञात हुआ अपना प्याला,
फिर भी वृद्धों से जब पूछा एक यही उत्तर पाया
अब न रहे वे पीनेवाले, अब न रही वह मधुशाला...!!!
----------- श्री. हरिवंश राय बच्चन.