पूरी दुनिया पर छाई मनहूसियत इंसानियत के जिंदा होने की गवाही दे रही
है. हर वो आँख जो इस हादसे पर रोई है इस बात पर प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है
कि इस घुप्प अँधेरे से रास्ता हम जरुर ढूंढ निकालेंगे. नहीं हारेंगे हौसला.
धुंधलाती नज़रों, लरजती आवाजों और कांपते वजूदों के साथ खडें हैं हम एक
दूसरे का हाथ थाम कर. एक दूसरे के लिए, मनुष्यता के लिए, नई पीढ़ी के सपनों
की ज़मीन बचाने के लिए.
ईश्वर को हमने देखा नहीं. वो है या नहीं इस पर बहस भी फ़िज़ूल है. हमने देखी है मानवता. हम ने देखें है नन्हे नन्हे मासूम खिलौनों के लिए मचलते हुए. सुना है उनकी किलकारियों को. छुआ है उनकी मुस्कुराहटों को. जिया है उनके जरिये से कुदरत को. इस सब को बचाने के लिए हम डटें रहेंगे. नहीं हारेंगे. नहीं टूटेंगे.
कभी नहीं.
कभी भी नहीं..
ईश्वर को हमने देखा नहीं. वो है या नहीं इस पर बहस भी फ़िज़ूल है. हमने देखी है मानवता. हम ने देखें है नन्हे नन्हे मासूम खिलौनों के लिए मचलते हुए. सुना है उनकी किलकारियों को. छुआ है उनकी मुस्कुराहटों को. जिया है उनके जरिये से कुदरत को. इस सब को बचाने के लिए हम डटें रहेंगे. नहीं हारेंगे. नहीं टूटेंगे.
कभी नहीं.
कभी भी नहीं..
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