मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Thursday, February 20, 2014
हम हर रोज़...
हम,
हर रोज़ उदास होते है
और...
ये शाम गुजर जाती है...
किसी दिन...
शाम उदास होगी
और...
हम गुजर जायेंगे....!!!!
-------- अज्ञात.
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