मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Saturday, October 4, 2014
पार उतरे नहीं थे
कारवां भी गया, लोग सारे गए
रह गए जो पीछे, वो मारे गए
सर उठाने न देगी ये शर्मिंदगी,
पार उतरे नहीं थे, उतारे गए
----- अज्ञात.
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