हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में,
सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Monday, May 12, 2014
गली आगे मुडती है
यूँ तो बनारस की पृष्ठभूमि पर लिखी बहुत सी अच्छी किताबें पढ़ी है लेकिन मेरी फेवरेट शिव प्रसाद सिंह जी की 'गली आगे मुडती है' ही रहेगी हमेशा. काशी का अस्सी से भी ज्यादा पसंद है मुझे 'गली आगे मुडती है.'
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