सितमगरों के दरमियां ये ज़िन्दगी गुजारना
बड़ी अजीब जंग है ना जीतना ना हारना
कोई कसूर हम करे तो सिर्फ मौत की सजा,
जो दूसरे खता करे तो आरती उतारना
मेरे 'मुहाफ़िज़ों' को अब मेरा ज़मीर चाहिए,
के ज़िन्दगी के नाम पर वो चाहते है मारना
बड़ी अजीब जंग है ना जीतना ना हारना
कोई कसूर हम करे तो सिर्फ मौत की सजा,
जो दूसरे खता करे तो आरती उतारना
मेरे 'मुहाफ़िज़ों' को अब मेरा ज़मीर चाहिए,
के ज़िन्दगी के नाम पर वो चाहते है मारना
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