मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Friday, October 11, 2013
हम से जब भी गुनाह होता है
हम से जब भी गुनाह होता है,
उसे फितरत की भूल कहते है...
कितने पुरऐतमाद है हम लोग,
लगजिशों को उसूल कहते है....
-------अज्ञात.
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