मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Monday, August 12, 2013
क्या मेरी ईद हो गई
साहिब-ए-अक्ल हैं आप, इक मसला तो हल कीजिये,
रुख-ए-यार नहीं देखा, क्या मेरी ईद हो गई...????
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