अपना फ़र्ज़
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तुम उन्हें रोक तो नहीं सकते
जो
उजालों को काला करते हैं
छिन कर
चाँद को सितारों से
बंद गारों में डाला करते है,
लेकिन,
घर के गमलों के
प्यासे पौधों को
थोड़ा
पानी तो पिला सकते हो...
किसी बच्चे की
डोर में उलझी
एक तितली
छुड़ा तो सकते हो....
बिजलीघर के
दुरुस्त होने तक
मोमबत्ती जला तो सकते हो...!!!
----------- निदा फ़ाज़ली.
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तुम उन्हें रोक तो नहीं सकते
जो
उजालों को काला करते हैं
छिन कर
चाँद को सितारों से
बंद गारों में डाला करते है,
लेकिन,
घर के गमलों के
प्यासे पौधों को
थोड़ा
पानी तो पिला सकते हो...
किसी बच्चे की
डोर में उलझी
एक तितली
छुड़ा तो सकते हो....
बिजलीघर के
दुरुस्त होने तक
मोमबत्ती जला तो सकते हो...!!!
----------- निदा फ़ाज़ली.
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