मुखौटा
हमेशा ही नहीं रहते सभी चेहरे नकाबों में, सभी किरदार खुलते है कहानी ख़त्म होने पर..!!!
Thursday, July 4, 2013
मेरी रूह की हकीकत मेरे आंसुओं से पूछो
मेरी रूह की हकीकत मेरे आंसुओं से पूछो,
मेरा मजलिसे तबस्सुम मेरा तर्जुमा नहीं है....
------------ अज्ञात.
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