Saturday, December 6, 2014

6 दिसंबर

शौर्य दिवस बनाम कलंक दिवस...
शायर इस्माइल मेरठी होते तो ये नौटंकी देख कर कहते,
"दोनों तरफ है फ्यूज बराबर उड़े हुए..."
और काका कहते,
"बाबू मोशाय, ये सर्कस फ्री में है रे.. एन्जॉय कर एन्जॉय."

No comments:

Post a Comment