Tuesday, March 25, 2014

एक आजार हुई जाती है

एक आजार हुई जाती है शोहरत हम को
खुद से मिलने की भी मिलती नहीं फुरसत हम को
रौशनी का ये मुसाफिर है राह-ए-जां का नहीं,
अपने साये से भी होने लगी वहशत हम को
आँख अब किस से तहय्युर का तमाशा मांगे,
अपने होने पे भी होती नहीं हैरत हम को
अब के उम्मीद के शोले से भी आँखे न जली,
जाने किस मोड़ पे ले आई मुहब्बत हम को
कौन सी रुत है जमाने हमें क्या मालूम,
अपने दामन में लिए फिरती है हसरत हम को
जख्म ये वस्ल के मरहम से भी शायद न भरे,
हिज्र में ऐसी मिली अब के मसाफ़त हम को
------------- अमजद इस्लाम अमजद.
आजार - pain, suffering
शोहरत - प्रसिद्धी, fame.
राह-ए-जां - ज़िन्दगी की राह, way of life.
तहय्युर - अचरज, आश्चर्य, amazement
वस्ल - मिलन,
हिज्र - जुदाई,
मसाफ़त - सफ़र, journey.

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