Tuesday, December 3, 2013

लेट्स मेक अ राईट चॉइस गाइज

दिल्लीवालो....

कल 4 दिसम्बर है. अपनी अपनी झाड़ू तैयार रखियेगा. पूरे देश में आप ही हो जिन्हें कोई विकल्प मिला है इस बार. उसे अपनाकर भारतीय राजनीति का चेहरा बदल दो. पूरे देश को बेलगाम होकर रौंदती आई मुख्य धारा की पार्टियों को सबक सिखाने का मौका है आप लोगों के पास. इसे गंवा न देना. इस चुनाव से बहुत बड़ा बदलाव भले ही ना आये पर देश को एक दिशा-निर्देश तो यकीनन मिलेगा. भारतीय राजनीति में विश्वास खो चुके हम जैसे लोग शायद अपने अपने वोट की कीमत समझने लगे. दिखा दो इन राजनेताओं को कि हम लोग अगर ठान ले तो आप लोगों के तिलिस्म को तोड़ने की हिम्मत भी रखते है. और ये भी बता दो की हम हर बार बेवक़ूफ़ नहीं बनने वाले..

हो सकता है की आम आदमी पार्टी में कमियां हो. होंगी ही. पर एक चांस उनका सरासर बनता है. जिन लोगों ने एक साल से भी कम समय में देश की दो प्रमुख पार्टियों की सांस फूला दी उनमे कुछ तो बात होगी. आजमाने में हर्ज ही क्या है..? ख़ास तौर से तब जब बाकियों को हम कई कई बार आजमा चुके है और खता खा चुके है. आम आदमी पार्टी एक संजीदा पहल है. उसके हाथ मजबूत करने से ही हमारी आवाज मुखर होने के चांसेस ज्यादा है. और कुछ नहीं तो ये लोग हमें सीधे तौर पर जवाबदेय तो होंगे.

तो दिल्लीवालों,
हैरी पॉटर बनने का वक्त आ गया है. हो जाओ सवार जादुई झाड़ू पर.प्रोफ़ेसर डम्बलडोर ने कहा था कि It is our choices that show us who we truly are, far more than our abilities. सो लेट्स मेक अ राईट चॉइस गाइज.

और हां,
बदलाव बदलाव का नारा लगाने के बाद, लगाते रहने के बाद जब सचमुच बदलाव का क्षण आ गया है उस वक्त अगर हम उससे मुंह मोडेंगे तो मुझे दुःख के साथ यही कहना पड़ेगा की जस्टिस काटजू सही थे.

No comments:

Post a Comment